प्रयागराज में महाकुंभ का महाआगाज; पहले पवित्र स्नान पर उमड़ा आस्था का सैलाब, 60 लाख लोगों की संगम में डुबकी, तस्वीरें देखते रह जाएंगे
MahaKumbh 2025 Beginning First Holy Snan in Sangam Prayagraj
MahaKumbh Mela 2025: तीर्थराज प्रयागराज में आज सोमवार से पौष पूर्णिमा पर 'पूर्ण महाकुंभ 2025' का महाआगाज हो चुका है। जिसके साथ ही आज महाकुंभ का पहला पवित्र स्नान है। महाकुंभ के इस समागम में सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही लोग त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती) में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। डुबकी लगाने के साथ ही साथ हर तरफ 'हर-हर महादेव' और 'हर-हर गंगे' के ज़ोर-शोर से जयकारे गुंजायमान हैं।
संगम का आलौकिक, अद्भुत, अनुपम दृश्य
महाकुंभ के आगाज के साथ ही संगम के तट पर आलौकिक, अद्भुत, अनुपम दृश्य देखा जा रहा है। यहां आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा हुआ है कि, सुबह 10 बजे के आसपास तक करीब 60 लाख लोग संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। माना जा रहा है कि, महाकुंभ के इस पहले दिन करीब 1 करोड़ लोग त्रिवेणी संगम स्नान करने वाले हैं। बता दें कि, 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फ़रवारी तक चलेगा।
विदेश से भी लोग संगम में डुबकी लगाने आए
महाकुंभ 2025 में जहां देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं तो वहीं दुनिया के अलग-अलग देशों से भी लोगों के आने का सिलसिला जारी है। महाकुंभ के पहले दिन और पहले पवित्र स्नान पर संगम के तट पर जहां देश के लाखों लोग आस्था में डूबे हुए हैं तो वहीं अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, लंदन, इजरायल, साउथ अफ्रीका, ब्राज़ील, जर्मनी, स्पेन, जापान और रूस जैसे देशों के लोग भी महाकुंभ में भाग लेते और संगम में डुबकी लगाते हुए देखे गए। उनके मुताबिक, उनका महाकुंभ में आना अद्भुत एहसास है।
संगम से मन लुभाने वाली तस्वीरें यहां देखिए
CM योगी ने महाकुंभ की दीं शुभकामनाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की शुभकामनाएं दीं हैं। सीएम योगी ने कहा, ''पौष पूर्णिमा की बधाई। विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम 'महाकुम्भ' का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। माँ गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें।
CM योगी ने कहा कि, जहां संस्कृतियों का संगम भी है, श्रद्धा और समरसता का समागम भी है। अनेकता में एकता' का संदेश देता महाकुम्भ-2025, प्रयागराज मानवता के कल्याण के साथ ही सनातन से साक्षात्कार करा रहा है। महाकुम्भ प्रयागराज के शुभारंभ एवं प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं। सभी के मनोरथ पूर्ण हों, तीर्थराज से यही प्रार्थना है। सनातन गर्व-महाकुम्भ पर्व।
वहीं सीएम योगी ने यह जानकारी दी कि, त्रिवेणी में पवित्र स्नान अनगिनत तीर्थों का फलदायक है। प्रयागराज में आज पौष पूर्णिमा के पुण्य अवसर पर माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती की दिव्य धाराओं में अब तक 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की पावन डुबकी लगाई है। प्रयागं राजशार्दूल त्रिषु लोकेषु विश्रुतम्. ततः पुण्यतमं नास्ति त्रिषु लोकेषु भारत।।
प्रयागं राजशार्दूल त्रिषु लोकेषु विश्रुतम्।
ततः पुण्यतमं नास्ति त्रिषु लोकेषु भारत।।
त्रिवेणी में पवित्र स्नान अनगिनत तीर्थों का फलदायक है।
प्रयागराज में आज पौष पूर्णिमा के पुण्य अवसर पर माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती की दिव्य धाराओं में अब तक 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने… pic.twitter.com/XeOZHqvYi0
PM मोदी ने महाकुंभ की दीं शुभकामनाएं
वहीं पीएम मोदी ने कहा, ''पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।''
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144 सालों के बाद 'पूर्ण महाकुंभ'
प्रयागराज संगम नगरी में 144 सालों के बाद 'पूर्ण महाकुंभ' का अद्भुत संयोग आया है। 12 महाकुंभ पूरे होने के बाद 'पूर्ण महाकुंभ' आता है। इससे पहले आखिरी बार महाकुंभ प्रयागराज में ही साल 2013 में 14 जनवरी से 10 मार्च तक आयोजित किया गया था। जहां अब 12 सालों बाद महाकुंभ फिर से प्रयागराज में ही आयोजित है। इस बार महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक, यानि लगभग 45 दिनों तक चलेगा। अलौकिक अनुभूति के लिए आपको महाकुंभ जाना चाहिए।
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महाकुंभ का विहंगम नजारा ऐसा, आंखें फटी रह जाएं
महाकुंभ, विश्व का सबसे अद्भुत और सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। ये अनंत परंपराओं, आस्था की अमूल्य धरोहर और आध्यात्मिक यात्रा की एक आकर्षित झलक है। प्रयागराज संगम पर इस महाकुंभ महापर्व (MahaKumbh Mela 2025) की सभी तैयारियां इस कदर की गईं हैं कि महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता को अनुभव किए बिना कोई रह ही नहीं सकता है। वास्तव में मां गंगा, यमुना और सरस्वती के इस पवित्र अमृत संगम पर महाकुंभ का विहंगम नजारा देखते ही बन रहा है।
महाकुंभ के अलौकिक माहौल को देख फटी की फटी रह जा रहीं हैं। एक तरफ जहां दिन में महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता लुभा रही है तो वहीं रात में महाकुंभ की रौनक ऐसी लगती है जैसे तारों से चमकता आसमान धरती पर उतर आया हो। महाकुंभ सफ़ेद रोशनी में नहा उठा हो। बहराल, महाकुम्भ (MahaKumbh Mela 2025) का पूरा दृश्य नयनाभिराम है। यानि नजरों को वहीं एक टक थाम देने वाला। महाकुंभ से लगातार कई अद्भुत तस्वीरें सामने आ रहीं हैं। जो मन को मोह ले रहीं हैं और संगम पहुंचने की व्याकुलता बढ़ा रहीं हैं।
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महाकुंभ 2025 की टेंट सिटी का दृश्य कमाल
प्रयागराज में संगम की रेती पर तंबुओं का शहर बस चुका है। यानि महाकुम्भ-2025 में साधू-संतों और लोगों के लिए टेंट सिटी बनाई गई है। रात में इस टेंट सिटी की विहंगम छटा देखते ही बनती है। संगम किनारे दूर-दूर तक कई एकड़ में कई किलोमीटर टक टेंट सिटी देखी जा सकती है। महाकुंभ 2025 की टेंट सिटी का दृश्य कमाल दिखता है। टेंट सिटी में सभी तरह की सुविधाएं हैं। उत्तर प्रदेश सरकार देख रेख कर रही है। सरकार के पर्यटन विभाग की साइट पर जाकर टेंट कैंप की ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है।
महाकुंभ में धूनी रमाए बैठे हैं साधु-संत
महाकुंभ 2025 के लिए साधु-संतों और संन्यासियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है। विभिन्न अखाड़ों और संप्रदायों के साधु-संत प्रयागराज पहुंच रहे हैं. महाकुंभ संगम भूमि पर इनके शिविर सज चुके हैं और नगर भ्रमण के साथ साधू-संतों का महाकुंभ छावनी में प्रवेश हो रहा है। जो साधु-संत पहुंचे चुके हैं वो धूनी रमाए बैठे हैं। विभिन्न साधु-संतों के अलावा नागा सन्यासी और अघोरी भी महाकुंभ 2025 के लिए वहां मौजूद हैं। वहीं महाकुंभ में कई संत ऐसे आए हैं जो अपने अनोखे अंदाज के लिए भी लोगों का ध्यान खींच रहे हैं।
महाकुंभ 2025 में लाइटिंग ड्रोन शो-लेजर शो
महाकुंभ 2025 (MahaKumbh Mela 2025) में इस बार लाइटिंग ड्रोन शो भी है। जिसमें संगम पर खुले आसमान की ओट में भव्य और मनोरम नजारा दिखने वाला है। करीब 2000 ड्रोन्स से आसमान में भगवान और संतों की कई भक्तिपूर्ण आकृतियां बनाईं जा रहीं हैं। ये आकृतियां कुंभ की भव्यता और बढ़ा रहीं हैं। रात के समय इन आकृतियों के चलते महाकुंभ की भव्यता और निखर जाती है। आप नीचे ये देख ही रहे होंगे।
इस बार डिजिटल भी है महाकुंभ 2025
महाकुंभ 2025 की सभी तैयारियां युद्ध स्तर पर पूर्ण की गईं हैं। इस बार महाकुंभ 2025 दिव्य और भव्य होने के साथ-साथ डिजिटल भी है। इसलिए इस महाकुंभ को टैग भी दिया गया है- 'दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ 2025'। बता दें कि, महाकुंभ क्षेत्र को यूपी का एक स्पेशल जिला घोषित किया गया है. जिससे यहां की सुरक्षा व्यवस्था तो चौकस रहे ही साथ ही सभी तैयारियां भी अच्छे से हो सकें। महाकुंभ जिले में 50 से ज्यादा थाने बनाए गए हैं। इसके अलावा डिजिटल महाकुंभ का मतलब है कि, पूरा महाकुंभ परिसर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI से लैस रखा गया है।
एक तरफ जहां प्रशासनिक व्यवस्था में सरकार के बड़े आला अफसर अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं तो वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यूपी पुलिस के कड़क मिजाज डीजीपी प्रशांत कुमार खुद पूरी निगरानी कर रहे हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार, पूरा महाकुंभ परिसर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI से लैस है। महाकुंभ क्षेत्र में एआई संचालित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। लोगों के लिए आने-जाने की सुविधा के लिए भी एआई का प्रयोग किया गया है। उन्हें इसके जरिये डिजिटल तौर से मैप के साथ महाकुंभ में कहां क्या है, इसकी सारी जानकारी मिलेगी।
महाकुंभ 2025 के लिए 7 चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि, महाकुंभ को लेकर मोबाइल एप और वैबसाइट भी लॉंच की गई है। जिसकी मदद से लोग आसानी और सुविधाजनक तरीके से महाकुंभ का अद्भुत आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा किसी के खो जाने पर डिजिटली खोया-पाया केंद्र भी काम करेंगे। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि, आस्था, श्रद्धा और संस्कृति का दिव्य स्वरूप महाकुंभ 2025 सुरक्षा के साथ साकार हो। इसके लिए 7 चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था रखी गई है। महाकुंभ में यूपी पुलिस के अलावा सेना, पैरामिलिट्री फ़ोर्स, एटीएस, एनएसजी के लगभग 50 हजार जवान तैनात रहेंगे। लोगों के बीच बिना वर्दी के जवान भी तैनात किए जाएंगे।
ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए निगरानी
महाकुंभ में अत्याधुनिक हथियारों के साथ खतरनाक एटीएस, एनएसजी के कमांडों कड़ी निगरानी रखेंगे। इसके अलावा ऊपर आसमान से भी ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए भी कुंभ क्षेत्र की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा पानी में सुरक्षा के मद्देनजर भी जवानों की तैनाती की जाएगी। जल-थल और नभ तीनों ओर से महाकुंभ की सुरक्षा चाक-चौबंद की जाएगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि, महाकुंभ 2025 को लेकर यहां तैनात होने वाले सभी जवानों की स्पेशल ट्रेनिंग कराई गई है। महाकुंभ क्षेत्र में एक संयुक्त कमांड सेंटर बनाया गया है।
महाकुंभ 2025 के लिए 200 करोड़ के उपकरण खरीदे गए
डीजीपी ने जानकारी दी कि, लोगों को डूबने से बचाने के लिए तैराक तैनात किए गए हैं। मौके पर NDRF और SDRF की टीमें भी अलर्ट रखी गईं हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया था कि, महाकुंभ 2025 के लिए 200 करोड़ के उपकरण खरीदे गए हैं। ये उपकरण महाकुंभ 2025 में आकस्मिक हादसों की रोकथाम के लिए हैं। वॉटर ड्रोन भी पानी के अंदर छोड़े जाएंगे। जिससे किसी भी प्रकार से पानी के अंदर कोई गलत हरकत नहीं हो पाएगी। इसके अलावा ईथर ड्रोन, ऐंटी ड्रोन भी महाकुंभ 2025 में सक्रिय किए गए हैं।
महाकुंभ 2025 में साइबर एक्स्पर्ट्स रहेंगे सक्रिय
डीजीपी ने बताया था कि, महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले लोगों को साइबर ठगों से बचाने के लिए भी हम कई बड़े और प्रभावी कदम उठा रहे हैं। हमने इसके लिए भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों की भी मदद ली गई है। केंद्र सरकार के साइबर एक्स्पर्ट्स पूरी नजर रखेंगे। इसके अलावा राज्य सरकार की तरफ से साइबर एक्स्पर्ट्स महाकुंभ 2025 में तैनात किए गए हैं। महाकुंभ 2025 पर साइबर अटैक न हो और लोग भी ठगों के जाल में न फंसे। इसके लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। डीजीपी के अनुसार, इस महाकुंभ 2025 में पिछले महाकुंभ से लगभग 40% ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।
महाकुंभ 2025 में करीब 50 करोड़ लोग आएंगे!
महाकुंभ 2025 में करीब 50 करोड़ लोगों के आने का अनुमान रखा गया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कहा था कि, हम उम्मीद कर रहे हैं कि, देश-दुनिया के करीब 40 से 50 करोड़ लोग महाकुंभ 2025 में आएंगे। लेकिन हमने 100 करोड़ लोगों के आने की तैयारी कर रखी है। इसके अलावा हमें उम्मीद है कि, मौनी अमावस्या के शाही और शुभ स्नान के 1 दिन में लगभग 6 करोड़ लोग संगम में स्नान करने वाले हैं, मगर हमने 10 करोड़ लोगों के स्नान की तैयारी की है। योगी ने कहा कि, संगम पर 12 से 18 किलोमीटर के लंबे घाट बनाए गए हैं। जिससे सभी लोग आराम से संगम (MahaKumbh 2025) में पवित्र डुबकी लगा पाएंगे।
बता दें कि, त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ 2025 में 6 पवित्र स्नान होंगे। जबकि साधु-संतों की परंपरा के 3 शाही स्नान होंगे। पहले शाही स्नान 14 जनवरी मकर सक्रांति को होगा। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन दूसरा शाही स्नान होगा। इसके बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन तीसरा और आखिरी शाही स्नान होगा। इसके बाद 3 अन्य पवित्र स्नान महाकुंभ के पहले दिन 13 जनवरी, इसके बाद 12 फरवरी माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्री के दिन महाकुंभ के समापन के साथ पवित्र स्नान होगा।